टीपू सुल्तान मतान्ध एवं अत्याचारी शासक था। अकबर और औरंगज़ेब के विषय में अलग से लेख लिखा जायेगा। इस लेख का मूल उद्देश्य किसी भी मुस्लिम शासक के प्रति द्वेष भावना का प्रदर्शन करना नहीं अपितु जो जैसा है उसे वैसा बताना हैं।
भ्रान्ति नं 1. टीपु सुल्तान के राज्य में हिन्दुओं को सरकारी नौकरी में भरपूर मौका मिलता था। उदहारण के रूप में टीपू के प्रधानमंत्री का नाम पूर्णया था और वह एक ब्राह्मण था।
निवारण- टीपू सुल्तान की नौकरी में मुसलमानों को प्राथमिकता दी जाती थी। यहाँ तक कि अयोग्य होने पर भी मुसलमान होने के कारण बड़ी से बड़ी नौकरी पर एक मुसलमान को बैठाया जाता था। इससे प्रजा की दशा ओर अधिक शोचनीय हो गई। टीपू सुल्तान के मंत्रियों में केवल पुर्णिया एकमात्र हिन्दू था। मुसलमानों को गृह कर, संपत्ति कर से छूट थी। जो हिन्दू मुसलमान बन जाता था। उसे भी यह छूट प्राप्त हो…
View original post 1,910 more words